भारतीय संस्कृति में पाँच ‘ग’ का महत्त्वपूर्ण स्थान: डॉ प्रणव पण्ड्या
गौ उत्पाद को व्यावहारिक जीवन में उतारें: सुनील मानसिंहका
गौ-संरक्षण व गंगा शुद्धिकरण अभियान में भागीदारी का संकल्प
गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में गंगा दशहरा के पावन अवसर पर तीन दिन तक चलने वाले कार्यक्रम की शुरुआत गौ-संवर्धन एवं गौ के पंचगव्य के चिकित्सकीय आधारभूतों की जानकारी के साथ हुआ। इससे पूर्व गौ के आदि उपासक श्रीकृष्ण एवं ज्ञानगंगा को जन-जन तक पहुँचाने वाले युगऋषि पं० श्रीराम शर्मा आचार्य के चित्रों पर दीप प्रज्वलन कार्यक्रम से शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गौ, गंगा, गीता, गायत्री व गुरु का महत्त्वपूर्ण स्थान है। ये सभी ने मानव मात्र का सदा उपकार ही किया है और असंख्यों को सन्मार्ग की ओर प्रेरित करते हुए प्रतिष्ठित किया है। उन्होंने कहा कि गौ वंश की हो रही हत्या आर्थिक व धार्मिक दोनों ही दृष्टिओं में राष्ट्र व समाज के लिए हानिकारक है। जहाँ-जहाँ गायों की हत्या हो रही है, वहाँ-वहाँ आतंक, भूकंप जैसी विनाशकारी घटनाएँ ज्यादा हो रही हैं। डॉ पण्ड्या ने गौ माता को आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत बताते हुए गौ पालन पर जोर दिया।
कामधेनु गौ संस्थान देवलापार के प्रतिनिधि सुनील मानसिंहका ने कहा कि गाय की बहुत प्रजातियाँ हैं, इनमें से कई लुप्त हो जा रही हैं। उन्होंने देशी गाय के पालन एवं उसके दूध से विभिन्न प्रकार की बीमारियों में लाभदायक होने की बात कही। श्री मानसिंहका ने गौ उत्पाद को अपने व्यावहारिक जीवन में उतारने पर जोर दिया। गौ संरक्षण में अपने जीवन समर्पित करने वाले सेंधवा मप्र के श्री मेवालाल पाटीदार ने गौ के विभिन्न गुणों के सैद्धांतिक पक्षों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि गाय की सेवा से पाप नष्ट होते हैं। गो मूत्र, गोबर, गौ दुग्ध, गौदधि, गौ घृत यह सभी श्रेयस्कर है। गौओं को सहलाने से शरीर में एक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करती है। कुलाधिपति डॉ. पण्ड्या ने सुनील मानसिंहका व मेवालाल पाटीदार को उनके गौ संरक्षण पर अग्रणी योगदान के लिए विशेष प्रशस्ति पत्र, युगऋषि द्वारा रचित युगसाहित्य एवं उपवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया।
संगीत विभाग के भाइयों ने गौ संरक्षण पर भावभरी संगीत प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन श्री केदार प्रसाद दुबे ने किया। गंगा दशहरा के पावन अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय इस कार्यक्रम का प्रथम दिन गौ माता को समर्पित रहा। इस अवसर पर श्री कालीचरण शर्मा, देसंविवि के ग्राम प्रबंधन प्रकोष्ठ के के.एस.त्यागी, डी.पी.सिंह, शशिकला साहू उपस्थित थे ।
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